Thursday 17 January 2013

जब हम बच्चे थे !


जब हम बच्चे थे !

माँ के गोद में खेलते 
सबसे हरदम प्रेम थे मिलते 
खुशियों के थे फूल बरसते 
हर पल हँसते  रहते थे 
जब हम बच्चे थे ।

माँ के आँचल में लिपटे रहते 
भय से कोसों दूर हम रहते 
जग को आँगन से तुलना करते 
संसार उसे समझते थे 
जब हम बच्चे थे ।

दुःख- दर्द और पीड़ा का नहीं आभास थे होते 
जब हम माँ के पास थे होते 
रात को जब हम थे रोते 
लोरियाँ हम सब सुनते थे 
जब हम बच्चे थे ।

अमीर कौन गरीब कौन 
मीत कौन शत्रु कौन 
हिन्दू , मुस्लिम, इसाई कौन 
हम अनभिग थे ; पर सच्चे थे 
जब हम बच्चे थे ।

राम-रहीम में भेद ना करते 
सब घर जाते खेलते और खाते 
ईद, दशहरा और होली भी संग 
हम मनाया करते थे 
जब हम बच्चे थे ।


_________________Sohrab Alam Ansari

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